उरद की दाल से बना दही वड़ा।
मित्रो आयूर्वेद के अनुसार कभी भी दो विरुद्ध वस्तूये एक साथ नहीं खानी चाहिए।
विरुद्ध वस्तुओ से अभिप्राय ऐसी वस्तूए जिनका गुण - धर्म अलग हो।
ऐसी कुछ 103 चीज़े आयूर्वेद में बाताई गई है। जो एक साथ कभी नहीं खानी चाहिए।
उदाहरण के लिये प्याज और दूध कभी एक साथ न खाये।
एक दुसरे के जानी दुशमन हैं। इसको खाने से सबसे ज्यादा चमड़ी के रोग आपको होगें दाद, खाज, खुजली, एगसिमा, सोराईसिस, आदि।
ऐसी ही कटहल (jack fruit) और दूध कभी न खाये। ये भी जानी दुश्मन हैं।
ऐसे ही खट्टे फ़ल जिनमे सिट्रिक ऐसिड होता है कभी न खायें। एक सिट्रिक ऐसिड तो इनसान का बनाया है एक भगवान का बनाया है। जैसे संतरा। कभी दूध के साथ न खाये।
आयुर्वेद के अनुसार अगर कोई खट्टा फ़ल दूध के साथ खाने वाला है वो एक ही है आवला। आवला दूध के साथ जरुर खाये।
इसी तरह शहद और घी कभी भी एक साथ न खायें।
आम की दोस्ती दूध से जबरद्स्त हैं लेकिन खट्टे आम की नहीं| इसलिये मैग़ो शेक पी रहे है तो ध्यान रखे आम खट्टा ना हो।
ऐसी ही उरद की दाल और दही एक दुसरे के जानी दुशमन हैं। उरद की दाल पर भारत में जितनी रिसर्च हो चुकी हैं तो ये पता लगा ये दालों की राजा है। हमेशा अकेले ही खाये दही के साथ तो भूल कर भी ना खाये।
आप इसका अपने शरीर पर परिकक्षण करे। एक खाने से पहले अपना B.P. चैक करें। फ़िर उरद की दाल और दही खाये। आप पायेगें 22 से 25 % आपका B.P. बढ़ा हुआ होगा। अर्थात ये अगर रोज रोज आप उरद की दाल, दही खा रहें है तो 5, 6 महीने में हार्ट अटैक आ ही जायेगा।
इसका मतलब (दही वाड़ा) कभी नहीं।
क्योंके दही वाड़ा मे
अगर वाड़ा उरद की दाल का बना हैं। और आप उसे दही के
साथ खा रहें है तो बहुत तकलीफ़ करने वाला है।
साथ खा रहें है तो बहुत तकलीफ़ करने वाला है।
हां अगर आपको खाना है तो जरुर खायें लेकिन दही के साथ नहीं चटनी के साथ खायें।
इस लिये अगर घर में विवाह है तो मीनो बनाते समय जरुर ध्यान रखें। उरद की दाल का वड़ा दही के साथ परोस कर दोहरे पाप के भागी न बने। क्योंके आतिथि देवो भव। मेहमान भगवान का रुप हैं। उसके हनिकारक वास्तुये न खिलाये।
या वो वड़ा मूंग की दाल का बनवाये। उरद की दाल का है तो दही के साथ नहीं चटनी के साथ खाये।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें