मानव शरीर अनेक रहस्यों से भरा हुआ है। शरीर की अपनी एक भाषा है जिसे समझने से शारीरिक स्वास्थ में लाभ होता है।
मनुष्य का यारीर पॉंच तत्वों से बना है इन्हीं के आधार पर ये मुद्राऍं होती है।
मनुष्य का यारीर पॉंच तत्वों से बना है इन्हीं के आधार पर ये मुद्राऍं होती है।
पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश। इसी के कारण शरीर में रोग इनके असंतुलन से बढ़ते है। हमारे हाथों की पॉंच ऊगलियो के आपस में मिलान से अनेक रोग ठीक होते है। इनमें ज्ञान मुद्रा, शून्य मुद्रा, सूर्य मुद्रा, अपान मुद्रा, अपसन वायु मुद्रा, प्राण मुद्रा, शंख मुद्रा आदि है। जिन्हें योग्य प्रशिक्षक की अनुमती से करना चाहिये।
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