HEALTH BLOGS-IN-BLOG
HERE YOU CAN FIND ALL THE BLOGS YOU WANT

Remedies for Nosebleeding-नकसीर के लिए उपाय

नाक से बहता खून...नकसीर को तत्काल रोक देगा यह देसी उपाय

अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोगों को चाहे जब नकसीर की समस्या से जूझना पड़ता है। कुछ गर्म खा लेने या बाहर की गर्मी लग जाने से नकसीर की समस्या कुछ लोगों को ज्यादा ही परेशान करती है।

कुछ लोग अपनी नाजुक प्रकृति के कारण नाक पर जरा सी चोट लगते ही नाक से खून बहने की परेशानी से घिर जाते है।

किसी किसी को तो यह समस्या हर एक परमानेंट बीमारी की तरह होती जा रही है। लेकिन अब घबराइए नहीं कुछ देशी नुस्खों को अपना कर आप पुरानी से पुरानी नकसीर से छुटकारा पा सकते हैं। गांवों और देहातों में आज भी इन 100 फीसदी कारगर नुस्खों को प्रयोग में लाया जाता है।
 
तुरन्त नकसीर बन्द करने के लिए:-

1) थोड़ा सा सुहागा पानी में घोलकर नथूनों पर लगाऐं नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।

2) जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ी पीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।

3) प्याज को काटकर नाक के पास रखें और सूंघें।

4) काली मिट्टी पर पानी छिड़ककर इसकी खुशबू सूंघें।

5) रुई के फाए को सफेद सिरका में भिगोकर उस नथुने में रखें, जिससे खून बह रहा हो।

6) जब नाक से खून बह रहा हो तो कुर्सी पर बिना टेका लिए बैठ जाएं, नाक की बजाय मुंह से सांस लें।

7) किसी भी प्रकार के धूम्रपान (एक्टिव या पैसिव दोनों) से बचें।

8) पित्त शामक ''अच्युताय गुलकंद''का सेवन करे और साफ हरे धनिए की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डाल लें।

9) शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर, उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो एक क्षण में में ही तुरंत आराम आता है।

10) अगर लगातार शीशम के पत्ते पीसकर उनका शर्बत सवेरे शाम पीया जाए तो नकसीर की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाती है।

11) ठंडी तासीर वालों को इसमें काली मिर्च मिला लेनी चाहिए। बिल्व (बेल) के पत्ते भी साथ में डालकर शरबत पीने से और भी अधिक लाभ होता है।

पुरानी नकसीर की बीमारी को हमेशा के लिए बन्द करने के लिए-

करीब 20 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को कूट कर रात के समय मिट्टी के बर्तन में करीब एक गिलासपानी में डालकर भिगो दें। सुबह पानी को निथारकर छान लें। इस साफ पानी को दो तीन दिन पिलाने से वर्षों का पुराना रोग हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।

विशेष- बच्चों को इस पानी में मिश्री या बताशा मिलाकर पिलाने से किसी भी तरह की नकसीर हमेशा के लिए बन्द हो जाती है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम प्रतिदिन सवेरे शाम खाली पेट करते रहने से, नकसीर की समस्या, हो ही नहीं सकती। नकसीर की बीमारी से बचने के लिए गर्म चीज़ न खाएं. बैंगन इत्यादि कुछ सब्जियां भी गर्म होती हैं; इनके सेवन से बचें। पित्त शामक अच्युताय गुलकंद (Achyutaya Gulkand) का नियमित सुबह-शाम सेवन करे।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Flag Counter
Visitors Today
free hit counter
Featured Post

Blog Archive

Tips Tricks And Tutorials